Tuesday 2 May 2023

प्रथम विदेश यात्रा (अमेरिका)

प्रथम विदेश यात्रा (अमेरिका यात्रा)—————- (१)तैयारी अमेरिका की _____________________ अमेरिका वीज़ा लगते ही बड़े बेटे गगन ने पहला प्रश्न किया - “अब कब आ रहे हो ?”क्योंकि वह विगत तीन वर्षों से वहाँ रह रहा है ।दो साल से कोविड के कारण वीज़ा बंद थे ।वीज़ा मिलने शुरू हुए तो पहले जून 2025 की डेट मिली थी लेकिन फिर किसी तरह जनवरी2023 की तारीख़ वीज़ा के लिए मिल गई । सात जनवरी को बायोमेट्रिकऔर पच्चीस जनवरी को इण्टरव्यू के लिए मुम्बई में वीज़ा डेट मिली । 25 जनवरी को वीज़ा फाइनल होते ही डाक से वीज़ा घर तक पहुँचता उससे पहले अमेरिका के हवाई टिकिट आ गए ।मई माह की 24 तारीख़ को मुंबई से रवानगी का टिकिट था लेकिन दूसरे ही दिन मई की तारीख़ केंसिल और 24मई के स्थान पर 24 अप्रैल के टिकिट आ गए ।शायद बेटे को उसकी माता श्री के हाथ का ख़ाना याद आने लगा ।हो भी क्यों न ……? एक माँ ही होती है जो बच्चों के अंतर्मन से जुड़ी होती है । अब धीरे धीरे जनवरी से अप्रैल भी आ ही गया । मुम्बई में छोटा बेटा और पुत्रवधू रहते हैं इसलिए वहीं से सिएटल का टिकिट बड़े बेटे ने कराया ।मुम्बई तक पहुँचने के लिये रेल एक अच्छा साधन है ।लेकिन मैंने मुम्बई तक की एक हज़ार किलोमीटर की यात्रा कार से करने का निश्चय किया ।वो इसलिए कि मुम्बई में कार का उपयोग chhota बेटा मयंक भी करता रहेगा । यहाँ तीन महीने तक कार खड़ी ही रहेगी ।वैसे तो मेरा कार से यात्रा का विचार सुनाते ही श्रीमती तैयार नहीं थी लेकिन बेटे की स्वीकृति पर हमें अनुमति मिली। नागदा में श्रीमती जी की छोटी बहिन के यहाँ रात्रि विश्राम का प्लान तैयार किया गया । 19अप्रैल प्रातः मुंबई के लिए रवानगी तय हुई ।उससे पहले हर कोई निकट संबंधी मित्र आदि ने पूछना शुरू कर दिया कि “हो गई तैयारी “ बार बार यह प्रश्न पूछने से हमें भी लगने लगा कि कोई विशेष तैयारी करनी होगी । लेकिन एसा कुछ समझ नहीं आया कि क्या विशेष तैयारी करनी है ।जैसे पहले कहीं बाहर जाने के लिए कुछ पहिनने के कपड़े लेने होते हैं बस उसी अभी भी कुछ कपड़े लेने हैं ,इसके अलावा बेटे के पसंद की कुछ नमकीन लिए बस । श्रीमती जी की ज़रूर तैयारी चल रही थी ।अमेरिका लिए विशेष शॉपिंग कार्यक्रम रहा ।वैसे भी क्या ख़रीदना है ,क्या लेकर चलना यह सब सोचना पुरुषों बूते के बाहर ही है। कोटा से कार द्वारा रवानगी से पूर्व 16 अप्रैल को मुझे वायरल फीवर ने जकड़ लिया फिर हमें बिदा करने के लिए आई हमारी सासू माँ जी को और बाद में श्रीमती जी को बारी बारी से दो दो दिन फीवर ने दस्तक दी ।19 को प्रातः रवानगी के समय श्रीमती जी को फीवर था ।हम अपनी कार से वहाँ से नागदा के लिए रवाना हुए तो दोपहर को 12:30 बजे नागदा पहुँच गये थे ।वहाँ से दूसरे दिन प्रातः 5:30 बजे ही श्रीमती जी की छोटी बहिन और बेटी के साथ मुंबई के लिए रवाना हुए । सड़क काफ़ी अच्छी थी ।शाम को लगभग 5-5:30 बजे पहुँचने की संभावना थी लेकिन हमें अहसास हुआ की जल्दी पहुँचेंगे तो वहाँ घर पर बेटा , बहू कोई नहीं मिलेगा । इसलिए रास्ते में आराम से चाय , नाश्ता , भोजन करते हुए 7:30 तक पहुँचने का लक्ष्य रखा ।और हम इस समय मुम्बई पहुँच भी गए थे । लेकिन मुंबई में प्रवेश करते ही ट्रेफ़िक जाम के दर्शन हुए ।लगभग दो घंटे जाम लगा रहा । गाड़िया थोड़ा खिसकना शुरू हुई तो हम लगभग 9:30 pmबजे तक छोटे बेटे के घर तक पहुँचे । रात में आराम किया तो सुबह देखा श्रीमती जी की छोटी बहिन की बेटी को फीवर था । उसे किसी यूनिवर्सिटी में MBA के एडमिशन के लिए भी जाना था । उसे दवा देकर भेजा । शाम को सभी का मुम्बई भ्रमण का भी कार्यक्रम बना लेकिन फीवर के कारण केंसिल किया । हालाँकि टिकिट बुक हो गये थे । दूसरे दिन शनिवार को सुबह जूह बीच और शाम को नरीमन पॉइंट, चौपाटी घूमे । रविवार 23 अप्रैल की रात को हमें अमेरिका के लिए रवाना होना था ।हमारी फ़्लाइट 24 को प्रातः 4:30 amपर थी । जिसके लिये एक बजे तक पहुँचाना था ।

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