Thursday 8 June 2023

प्रथम विदेश यात्रा (अमेरिका) 8

प्रथम विदेश यात्रा (अमेरिका)8 डिस्कवरी पार्क ,रूबी बीच (Ruby beach) ओलंपिक नेशनल पार्क,होह रैन फारेस्ट,और पोर्ट एजेल्स ———————————————————————————————-
मई माह की दो तारीख़ शुक्रवार के दिन बेटे ने ऑफिस से छुट्टी ले रखी थी ।प्रातः विचार बना कि कहीं घूमने चलते हैं।बहुत देर तक विचार करने के बाद हम सिएटल के डिस्कवरी पार्क की और चल दिये । डिस्कवरी पार्क सिएटल का सबसे बड़ा पार्क है ।यह हमारे निवास से लगभग 13 मील की दूरी पर है ।कार से लगभग पैंतालीस मिनट में हम वहाँ पहुँच गये ।कार पार्क करने के बाद हम वहाँ समुद्र तट की और चल दिये । यह लगभग 534 एकड़ क्षेत्र में फैला है ।यहाँ के तट से ओलम्पिक पर्वत की श्रृंखलाएँ बहुत सुंदर नज़र आती हैं।डिस्कवरी पार्क और beach का यह क्षेत्र बहुत ही शांत और विविध वनस्पति पेड़ों से युक्त है ।इसके पश्चिम में लाइट हाउस भी बना है ।समुद्र तट पर दूर तक रेत में शांति से लोग विचरण करते दिखाई दिये । अब दूसरे दिन शनिवार तीन मई को ओलम्पिक नेशनल पार्क चलाने का कार्यक्रम था । हम सुबह सात बजे घर से रवाना हो गए ।रास्ते में कार चार्ज कराते हुए हम आगे मंज़िल की ओर चल दिये ।ओलम्पिक नेशनल पार्क लगभग 1442 वर्ग मील में फैला है ।इसमें साठ से अधिक ग्लेशियर ,एक वर्षावन (rain forest)एल्पाइन वाइल्डफ्लावर,घास के मैदान और पूरे उत्तरी अमेरिका की आश्चर्य जनक पर्वत चोटियाँ और समुद्र तट भी हैं ।यह पर्वतारोहियों और हाइक करने वालों के लिए बहुत ही अच्छी जगह है ।यहाँ पुराने जंगलों के अतिरिक्त ग्लेशियर माउण्ट ओलम्पस के शिखर भी काफ़ी लोकप्रिय हैं । हम जैसे ही मुख्य सड़क मार्ग से इस ओलम्पिक पार्क के क्षेत्र,राजमार्ग 101 की और मुड़े तो देखा कि इधर की सड़क अपेक्षाकृत कम चौड़ी थी ।केवल दो लेन की घुमावदार सड़क थी ।एक लेन आने कि तथा एक जाने की।इस मार्ग पर ट्रेफ़िक भी कम ही था । लेकिन चारों तरफ़ घना जंगल और सड़क किनारे पीले फूल बहुत ही सुंदर लग रहे थे ।ओलम्पिक नेशनल पार्क के इस क्षेत्र में Ruby beach,,hoh rainforest ,port angels आदि कई रमणीय स्थान भी हैं।
हमें सबसे पहले रूबी बीच पहुँचाना था ,जो कि लगभग कुल 198 मील की दूरी पर था । हम लगभग बारह बजे तक रूबी बीच पहुँच गए थे । कार पार्क करने के बाद हम घने जंगल में बनी पगडंडी पर चलते हुए नीचे तट तक पहुँचे ।यह Ruby beach( रूबी तट )कई मील तक फैला है ।होह नदी जहाँ प्रशांत महासागर से मिलती है उसके ठीक दक्षिण में रूबी बीच (तट ) है जो दूर तक फैला है ।इसमें तरह तरह की आकृति लिए खड़ी चट्टानें वास्तव में अद्भुत हैं। समुद्र और आकाश बहुत दूर एक दूसरे से मिलते हुए प्रतीत हो रहे थे ।यहाँ तट के किनारों पर विविध आकृति के पुराने सूखे पेड़ जो संभवतः बरसात के टूट कर,पहाड़ियों से बहकर नीचे आये होंगे ।पानी की लहरें जो बार बार तट तक आती और किनारे को छू कर फिर वापस लौट जाती ।गहरे पानी में नहाती हुई काले रंग की कई तरह की चट्टानें अपने स्थान पर अडिग खड़ी ,लगता जैसे समुद्र की शक्ति की परीक्षा ले रही हों।हमने वहीं समुद्र किनारे भोजन किया जो की हम घर से बनाकर लाये थे ।कुछ देर आराम किया,समुद्र की लहरोंका आनंद लिया ,कुछ पलों को केमरे में क़ैद किया और फिर आज की आगे की यात्रा के किए रवाना हो गए । हमारा अगला पड़ाव hoh rain forest (होह रैन फारेस्ट ) था जो की यह से लगभग 26 मील की दूरी पर था । इस होह क्षेत्र में बहुत अधिक बरसात होती है ।मैं आपको बता दूँ कि यहाँ पास ही हमेसा बहने वाली नदी ,होह नदी बहती है जिसके नाम पर ही इस क्षेत्र को ही होह रैनफॉरेस्ट कहते हैं।होह रैनफॉरेस्ट का उच्चारण “हो’’ किया जाता है ।जो कि माउण्ट ओलम्पिक से प्रशांत महासागर तट की ओर बहती है ।होह शब्द के विषय में जानकारी मिली कि यह मूल अमेरिकी भाषाओं से आया है ।संभवतः क्विल्यूट शब्द “ओहिलेट” जिसका अर्थ है “तेज़ी से चलने वाला पानी” या “ बर्फ का पानी ।”होह का शाब्दिक अर्थ “झगड़ालू पत्नियों वाला पति “भी होता है । ख़ैर ये एक इतिहास है ।लेकिन यहाँ पर बहुत अधिक वर्षा होती है जिसके कारण यह होह वर्षा वन (hoh rainforest )कहलाता है ।यहाँ पर अक्सर पूरी सर्दी बारिश होती रहती है ।लगभग 140 इंच (3.55 meter) औसतन वर्षा यहाँ हर वर्ष होती है ।जिसके परिणाम स्वरूप यहाँ के पेड़ों पर काई की लम्बी लम्बी परतें जमा होकर लटकी रहती हैं।यहाँ पर बहुत ही विशालकाय पेड़ आपको देखने को मिल जाएँगे ।सो से हज़ार साल तक की उम्र के पेड़ यहाँ दिखाई दे जाएँगे जिनका तना भारत में मिलने वाले बरगद के पेड़ जैसा विशाल है ।इस वन में पैदल हाइक के लिए पगडंडियाँ बनी हैं जिनके माध्यम से एक मील से लेकर सत्रह मिल तक की हाइक भी लोग करते हैं।यहाँ पर लोग टेंट लगा कर रात्रि विश्राम भी करते हैं।होह रेन फोरेस्ट प्रशांत नॉर्थवेस्ट रेन फोरेस्ट के एक हिस्से में स्थित है ।जो कि दक्षिणी अलास्का से कैलिफ़ोर्निया के मध्य तट ,प्रशांत तट तक फैला हुआ है ।
होह से लगभग दो घंटे की ड्राइव पर पोर्ट एंजिल्स है । अब हमारा अगला पड़ाव पोर्ट एंजिल्स है ।होह रैन फ़ॉरेस्ट से मुख्य सड़क पर आने के बाद हम पोर्ट एंजिल्स की और चल दिये ।यह दूरी लगभग 87 मील की थी और लगभग दो घंटे का समय लगता है ।पोर्ट एंजिल्स से पूर्व ,एंजिल्स लेक है जो की बहुत बड़े क्षेत्र में फैली हुई है।सड़क कई मील तक ,इस झील के तट पर ही है ,जिससे बहुत देर तक कार में चलते चलते ही हमने पहाड़ियों के बीच इस झील का आनंद लिया । बीच एक स्थान पर हम रुके भी लेकिन बाहर बहुत तेज ठंडी हवा थी ।इसलिए फ़ोटो लेकर तुरंत ही वापस कार में आ बैठे ।पोर्ट एंजिल्स में एक रिसोर्ट में हमने रात्रि विश्राम के लिए पूर्व में ही ऑनलिन बुकिंग करा लिए थी ।हम वहाँ पहुँचे तो वहाँ कोई भी नहीं था ।बेटे गगन से पूछा कि यहाँ तो कोई भी नहीं है किसी को फ़ोन करो तो बेटे ने बताया कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है ।इस बिल्डिंग के लॉक का कोड का मैसेज मोबाइल पर आ गया है ।यहाँ पर कोई नहीं मिलेगा ।लॉक खोलकर अंदर गए तो 3bhk वाला भवन था ।सभी कुछ व्यवस्थित ,तीन कमरे ,हॉल,रसोई ,सभी फ़र्नीचर युक्त था ।भोजन ,चाय ,कॉफ़ी आदि बनाने का सभी सामान व्यवस्थित रूप से रखा था । हमें रात्रि विश्राम यहीं पर करना था ।बाहर ठंडी हवायें चल रही थी ।मौसम की ठंडक को देखते हुए सभी हॉल में हीटर चालू कर चाय -कॉफ़ी का आनंद लेते हुए टी वी देखने लगे ।रात्रि विश्राम के बाद सुबह आराम से चाय नाश्ता करने के बाद हम लगभग ग्यारह बजे यहाँ से रवाना हुए। इन दो दिनों में लगभग चार सो मील से अधिक की कार यात्रा हो गई थी ।

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