Sunday, 16 July 2023
प्रथम विदेश यात्रा (अमेरिका )13
प्रथम विदेश यात्रा (अमेरिका) 13
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Willamina(विलामिना )आर्म रेसलिंग ,अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस
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आज चार जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस है और हमारी चार दिवसीय यात्रा का आख़िरी और चौथा दिन भी है ।स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन भी यहाँ होते हैं ।ऑरेगन स्टेट के विलामिना में आज ऑर्मरेसलिंग प्रतियोगिता है जो कि यूनाइटेड स्टेट ऑर्मरेसलिंग एसोसिएशन द्वारा आयोजित कराई जा रहा है ।इसमें बड़े बेटे गगन की पत्नी शिवानी ,जो कि अमेरिका में ही सॉफ़्टवेयर इंजीनियर है ,भी हिस्सा ले रही है ।आर्मरेसलिंग जिसे हम भारत में पंजा लड़ाना कहते हैं,वही यहाँ पर एक बड़े आयोजन के रूप में देखने को मिला ।
ऑर्मरेसलिंग के लिए दोपहर साढ़े बारह बजे तक प्रतियोगिता स्थल पर ही रजिस्ट्रेशन कराना था ।हमारे रात्रि विश्राम स्थल ‘यूजीन ‘से ‘विलामिना ‘की दूरी 95 मील की है।हमारा अनुमान था कि डेढ़ घंटे में पहुँचा जा सकता है ।इसलिए सुबह दस बजे तक यहाँ से चलने का कार्यक्रम था लेकिन हमें यहाँ से रवाना होने में ही लगभग 10:45 बज गये ।गूगल पर देखा तो लगभग एक घंटा पैंतालीस मिनट का समय वहाँ तक पहुँचने का बताया ।कार की बैटरी को देखा तो मालूम हुआ कि कार वहाँ पहुँच जाएगी लेकिन आगे के सफ़र के लिए पास में चार्जिंग पॉइंट नहीं होने के कारण ,पहले कार चार्ज कराना ज़रूरी है ।लेकिन सबसे बड़ी समस्या थी कि कार चार्ज करके ,रजिस्ट्रेशन समय साढ़े बारह बजे से पहले वहाँ पर पहुँचना बड़ा कठिन कार्य था ।
शिवानी ने आयोजकों को फ़ोन किया और 12:45 तक पहुँच पाने की मजबूरी बताई तो बहुत अनुरोध करने पर उन्होंने फ़ोन पर ही पूरा विवरण लेकर रजिस्ट्रेशन कर लिया लेकिन स्पष्ट किया कि रजिस्ट्रेशन फ़ीस वहाँ पहुँचने पर,जमा होने के बाद ही प्रतियोगिता में शामिल हो सकेंगे ।इस बीच बेटे गगन ने लगभग 80-85 मील/घंटा की रफ़्तार (125-133km/hr) से कार चलाई और रास्ते में केवल पाँच मिनट कार चार्ज की ,ताकि वापसी परेशानी न हो ।हम दौड़ते भागते समय से पूर्व ही 12:20पर प्रतियोगिता स्थल पर पहुँच गए ।वहाँ पहुँचते ही हम कार पार्क करते,उससे पूर्व ही शिवानी ने कार उतर कर रजिस्ट्रेशन के लिए दौड़ लगा दी और समय पर रजिस्ट्रेशन करा लिया ।कार पार्किंग में हमें कुछ समय लग गया क्योंकि आस पास सभी निर्धारित स्थान फुल थे इसलिए कुछ दूरी पर जाकर कार खड़ी करनी पड़ी ।हमारे प्रतियोगिता मैदान में पहुँचने से पूर्व ही शिवानी ने रजिस्ट्रेशन करा लिया था ।यहाँ की सड़कें बहुत अच्छी और चौड़ी हैं और सभी वाहन चलाते समय नियमों का पालन भी करते हैं ,इसीलिए आज हम समय पर यहाँ पहुँच पाये अन्यथा सब असंभव लग रहा था ।
दोपहर एक बजे से प्रतियोगिता प्रारंभ होने वाली थी ।प्रतियोगिता शुरू होने के पूर्व रेफ्री ने नियमों के संबंध में जानकारी दी ।वहाँ हमने देखा कि छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक ,महिला-पुरुष ,सभी को अलग अलग ग्रुप में विभाजित कर रखा था ।कुछ पुराने प्रतियोगी नये लोगों को खेल संबंधी जानकारियाँ भी रहे थे ।शिवानी का इस तरह की किसी प्रतियोगिता में भाग लेने का प्रथम अवसर था ,इसलिए उसने भी एक पूर्व खिलाड़ी से कुछ दाव पेच की जानकारी प्राप्त की ।जो अच्छा भी रहा ।यहाँ मालूम हुआ कि ऑर्मरेसलिंग केवल एक हाथ की ताक़त का ही खेल नहीं है बल्कि इसमें पूरे शरीर की ताक़त की आवश्यकता होती है ।मज़बूत कलाई और पंजे के साथ ही कंधों का भी मज़बूत होना बहुत ज़रूरी है ।इस बात का अहसास शिवानी को भी तब हुआ,जब वह अपने प्रतिद्वंदी से मुक़ाबला करने मैदान में उतरी ।प्रतियोगिता में टक्कर कड़ी थी ।प्रतिद्वंदी महिलायें वर्षों से तैयारी रही थी ।इन सबके बीच शिवानी ने इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त कर शील्ड प्राप्त की ।यहाँ सभी खिलाड़ी बड़े सौहार्द पूर्ण वातावरण में खेल रहे थे ।तीन से पाँच साल के बच्चे हों या युवा और प्रौढ़ महिला -पुरुष।यहाँ सभी वर्गों में कुल तीन सो से अधिक प्रतियोगी थे ।
सबसे पहले बच्चों की प्रतियोगिता थी ।उनमें भी अलग अलग आयु वर्ग के बच्चे थे तीन -चार वर्ष के बालक -बालिकाएँ भी बड़े उत्साह से हिस्सा ले रहे थे ।छोटे छोटे बच्चों के मासूम से चेहरों पर जीत की ख़ुशी देखते ही बनती थी ।युवा वर्ग में कुछ के चेहरों पर कुछ उग्रता ज़रूर थी लेकिन वह केवल प्रतियोगिता के समय क्षणिक ही थी ।हमारा इस तरह की किसी प्रतियोगिता देखने का यह प्रथम अनुभव था ,जो बहुत अच्छा रहा ।लगभग साढ़े चार बजे कार्यक्रम के बीच में ही आयोजकों से अनुरोध कर इनामी शील्ड प्राप्त कर हम वहाँ से रवाना हो गए क्योंकि अभी बहुत से प्रतियोगी वर्ग बाक़ी थे और संभवतः अभी दो -तीन घंटे और लगता ।हमें अभी वापस घर भी आना था,और बेलेव्यू में रात को दस बजे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आतिशबाजी का कार्यक्रम था जिसे देखने की भी इच्छा थी ।हालाँकि यहाँ बेलेव्यू के डाउनटाउन पार्क में शाम से ही कुछ मनोरंजक कार्यक्रम चल रहे थे ,जो हम बाहर होने के कारण नहीं देख पाये थे इसलिए रात को आतिशबाजी तो देख ही सकते थे ।
वहाँ से रवाना होने के बाद रास्ते में ही ऑरेगन स्टेट का पोर्टलैंड शहर था ।यह बहुत अच्छा और बड़ा शहर है।वहीं ऐपल शोरूम के पास ही गगन ने कार पार्क की और गगन और शिवानी थोड़ी देर में वापस आने के लिए कह कर शो रूम में चले गये ।कुछ देर बाद वे शोरूम से निकले तो उनके हाथ में एक ‘ऐपल आईफ़ोन 14 ‘था ।यह फ़ोन वे अपनी मम्मी के लिए लाये थे ।आईफ़ोन का नवीनतम मॉडल पाकर श्रीमती जी प्रसन्न होना स्वाभाविक ही था ,हालाँकि उनके पास “आईफ़ोन 8”था लेकिन बच्चों के हिसाब से यह पुराना हो गया था ।
अब हम वहाँ से बेलेव्यू के लिये रवाना हो गए रास्ते में भोजन कर हम आतिशबाजी देखने के लिए आतुर थे ।हम ठीक आतिशबाजी शुरू होने के समय तक पहुँच ही गए ।सभी ने आकाश में झिलमिलाती रोशनी का भरपूर आनंद लिया ।यह आतिशबाजी देखकर कर कोटा के दशहरे मेले के समापन की आतिशबाजी की याद ताज़ा हो गई । क़रीब आधा घंटे तक आकाश में रंग बिरंगी आतिशबाजी होती रही ।आतिशबाजी के बाद देखा कि हज़ारों की संख्या में लोग सड़कों पर दिखाई के रहे थे ।लग रहा था जैसे किसी मेले से लोग घर वापस जा रहे हैं।सड़कों पर इतनी भीड़ मैंने यहाँ इससे पहले कभी नहीं देखी ।यहाँ की सड़कें प्राय: ख़ाली ही रहती हैं।पैदल लोग कम ही दिखाई देते हैं ।
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